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Thursday, February 17, 2011

कांटे कहाँ-कहाँ हैं ?


यूँ ही नहीं चला हूँ नंगे पाँव सफ़र पर |

मेरे पाँव जानते हैं कि कांटे कहाँ-कहाँ हैं ?


जयकरन सिंह भदौरिया

Thursday, February 10, 2011

तेरे जाने के बाद ...


तेरी अहमियत, ज़रुरत,मोहब्बत और जज्बात

सबका एहसास हुआ आज तेरे जाने के बाद
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जयकरन सिंह भदौरिया 'जय'