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Sunday, March 28, 2010

दुश्वारियां ...

राह- ऐ -मंजिल की दुश्वारियां, अब ख़त्म हो चली हैं

अपनी परछाई पीछे छोड़ आया हूँ, लड़ने के लिए...!

जयकरन सिंह भदौरिया 'जय'

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